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हिंदी भाषा : पहचान से प्रतिष्ठा तक

हनुमान प्रसाद शुक्ल

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 1994
पृष्ठ :138
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13127
आईएसबीएन :0

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इस पुस्तक में हिन्दी भाषा की लगभग एक सहस्राब्दी की विकास यात्रा के अन्तरंग पड़ताल की गई है

इस पुस्तक में हिन्दी भाषा की लगभग एक सहस्राब्दी की विकास यात्रा के अन्तरंग पड़ताल की गई है। इस पड़ताल में विकास-प्रक्रिया के केन्द्रीय परिप्रेक्ष्य में पूरी विकास-यात्रा के महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं के रेखांकन की कोशिश भी है। समूचे विश्लेषण का आधार पूर्ववर्ती विद्वानों द्वारा प्रस्तुत तथ्यात्मक सामग्री है। प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न दुरूहताओं, जटिलताओं तथा अनावश्यक विस्तार से यथासम्भव बचने का प्रयास करते हुए हिन्दी भाषा के विविध पक्षों के विश्लेषण का उपक्रम करती है। यह पुस्तक किसी पाठ्यक्रम-विशेष को ध्यान में रखकर नहीं लिखी गई है, फिर भी विचित्र पाठ्यक्रमों के पाठकों के लिए भी पर्याप्त उपयोगी हो सकती है।

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